अश्वगंधा का नाम आप अक्सर कही ना कही जरूर सुनते होंगे। और आप ये जानने को भी बहुत उत्सुक होंगे की आखिर अश्वगंधा क्या है और अश्वगंधा के फ़ायदे (Ashwagandha Ke Fayde) क्या है ये किस काम आता है ? आयुर्वेदिक चिकित्सा साहित्य में अश्वगंधा Ashwagandha बहुत ही उपयोगी औषधि है जिसका बहुत महत्व है। अश्वगंधा एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी औषधि है। जिसका उपयोग कही रोगो के उपचार के लिए किया जाता है। बल बढ़ाने,मोटापा घटाने, वीर्य विकार को ठीक करने के लिए अश्वगंधा का उपयोग किया जाता है। इसके अतिरिक्त अन्य रोगो के उपचार में भी अश्वगंधा सहायक है । अश्वगंधा (Ashwagandha Ke Fayde) के फायदों के साथ इसकी हनिया भी है ,अगर आप अश्वगंधा Ashwagandha का सेवन अधिक मात्रा में करते है तो इसके दुष्परिणाम हो सकते है। हम आपको इस लेख में अश्वगंधा के उपयोग और फायदों के साथ दुष्परिणाम के बारे भी बतायेगे।
अश्वगंधा Ashwagandha क्या है क्या उपयोग है ? What Is Ashwagandha ? Type of Ashwagandha in Hindi
अश्वगंधा कई प्रकार की होती है अलग अलग देशो में इसके अलग अलग रूप होते है लेकिन असली अश्वगंधा की पहचान तभी होती है जब इसके पोधो को मसलने पर घोड़ो के पेशाब जैसी दुर्गन्ध आये तभी वो असली अश्वगंधा होती है। अश्वगंधा की जड़ो से गंध बहुत ज़्यादा आती है और जंगल में पाए जाने वाले पोधो की तुलना में किसान द्वारा खेत में खेती के माध्यम से उगाई जाने वाली अश्वगंधा में अधिक गुण होते है जंगल में पायी जाने वाली अश्वगंधा का पौधा तेल निकालने के लिए उत्तम माना जाता है। साधारणतः अश्वगंधा के दो मूल रूप होते है।
देशी या बड़ी अश्वगंधा, असगंध (अश्वगंधा) Deshi va Badi Ashwagandha
बढ़ी अश्वगंधा Ashwagandha की झाड़ी बड़ी होती है लेकिन इसकी जड़े पतली और छोटी होती है और यह पहाड़ी इलाके,खेतो और बाघ बगीचों में पायी जाती है अश्वगंधा Ashwagandha में कब्ज दूर करने के गुण होते है और इसमें से घोड़े की पेशाब की गंध भी आती है इसलिए इसे संस्कृत में इसका नाम घोड़े या बाजी के नाम से सम्बंधित रखा गया है।
छोटी स्माल अश्वगंधा व असगंध (अश्वगंधा)
बड़ी अश्वगंधा की झाड़ी के मुकाबले इसकी झड़ी छोटी होती है लेकिन इसकी जड़ मोटी और बड़ी होती है। भारत के राजस्थान राज्य के नागौर में यह बहुत अधिक मात्रा में पायी जाती है। वहा की जलवायु इसके लिए उपयुक्त है और इसीलिये इसे नागोरी अश्वगंधा व असगंध भी कहते है।
अलग अलग भाषाओ में अश्वगंधा के नाम Ashwagandha Name in Different Languages In Hindi
अश्वगंधा को असगंध भी कहते है देश विदेश और प्रांतो में इसे अलग अलग नमो से जाना जाता है। अश्वगंधा को हिंदी में असगंध,पनीर,अश्वंगधा और नागोरी भी कहते है और इसके अलावा इंग्लिश या अंग्रेजी में विंटर चेरी Winter Cherry और पायजनस गूसेबेर्री Poisonous gooseberry भी कहते है और संस्कृत में इसके कई सरे नाम और है वराहकर्णी,वरदा,बलदा,कुष्ठगंधनी और अश्वगंधा। भारत में राज्यों की भाषाओ के आधार (Himalaya ashwagandha)
पर अलग अलग नामो से जाना जाता है। अधिकतर इसे अश्वगंधा के नाम से ही जानते है।
अश्वगंधा के फायदे बेनिफिट्स Ashwagandha ke Fayde in Hindi
आयुर्वेदिक चिकित्सा के अनुसार अश्वंगधा का उपयोग अश्वगंधा के पत्ते और अश्वगंधा चूर्ण (Ashwgandha Powder )के रूप में किया जाता है। अश्वगंधा के फायदे (Ashwgandha Benefits in Hindi) बहुत से है और उतने ही नुकसान भी है अगर आपको अश्वगंधा का सेवन करना तो फॉर फिर आपको डॉक्टर या चिकित्सक की सलाह जरूर लेना चाहिए क्योकि इसका अधिक मात्रा में सेवन करने से दुष्परिणाम भी होते है। कई रोग बीमारियों में अश्वगंधा के लाभ है इसीलिए इस औषधि का महत्व बहुत है। इस लेख में हम आपको रोगो के उपचार की जानकारी के बारे में विस्तार से बताएँगे।
आँखों की रौशनी में फायदेमंद अश्वगंधा Ashwagandha Uses In Eyesight in Hindi
अश्वगंधा आँखों की रौशनी के लिए बहुत फायदेमंद है। अश्वगंधा को आंवला (धात्री फल) और मुलेठी के साथ मिलकर सेवन करने से आँखों की रोशनी तेज होती है और बिमारिओ से भी बचती है। १ ग्राम मुलेठी ,२ ग्राम आंवला और २ ग्राम अश्वगंधा को आपस में मिलकर चूर्ण तैयार कर लेवे और फिर आपको सुबह और शाम दिन में दो बार १ चम्मच चूर्ण का सेवन करना है इससे आंको की रौशनी बढ़ती है । अश्वगंधा के उपयोगी (Ashwagandha Ke Fayde) गुणों की वजह से आँखों को आराम मिलता है और आँखों की ज्योति बढ़ती है।
गले के रोग गलगण्ड में अश्वगंधा के पत्ते का फायदेमंद होना Ashwagandha Uses in Goiter In Hindi
अश्वगंधा औषधि के गुणों (Ashwagandha ke fayde in Hindi) की वजह से ये गले के रोग में काफी उपयोगी और कारगर है। अश्वगंधा पाउडर को गुड़ के साथ लेने से गले के रोग में बहुत फायदा होता है। अश्वगंधा (Ashwagandha Powder benefits in Hindi) पाउडर के साथ गुड़ को बराबर मात्रा में मिलाकर 1/2-1 ग्राम की वती बना लेवे और फिर सुबह जल के साथ सेवन करे और अश्वगंधा के पत्तो का पीस कर लैप तैयार कर लेवे और उसे फिर गण्डमाला गले पर लैप की तरह लगाए। यह काफी लाभकारी होती है।
बालो की समस्या में अश्वगंधा फायदेमंद Ashwagandha uses in Hair Treatment In Hindi
अश्वगंधा औषधि बालो की समस्या पर भी कारगर है अगर आपके बाल सफ़ेद हो रहे है और आप नहीं चाहते है की वो सफ़ेद हो क्योकि काले बल ही सुन्दर और आकर्षक होते है ऐसे में आपको अश्वगंधा का सेवन करना चाहिए। 2-4 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण का सेवन करे। अश्वगंधा औषधि के फायदों ( Ahswagandha Ke Fayde in Hindi) के कारन समय से पहले होने वाले सफ़ेद बालो की समस्या से निजात मिलती है।
टीबी के रोग में अश्वगंधा का चूर्ण कारगर Ashwagandha Cure Tuberculosis Treatment In Hindi
अश्वगंधा औषधि टीबी की बीमारी में भी कारगर और उपयोगी है। अश्वगंधा के अलावा आपको बड़ी पीपल,घी,और शहद को भी मिलाकर सेवन करना होता है। अश्वगंधा के चूर्ण की 2 ग्राम मात्रा को 20 ग्राम अश्वगंधा का काढ़े के साथ मिलाकर लेना है यह टीबी में लाभकारी होता है और इसके अलावा अश्वगंधा की जड़ का चूर्ण बना लेवै और फिर अश्वगंधा चूर्ण 2 ग्राम ,5 ग्राम घी,5 ग्राम शहद और 1 ग्राम बड़ी पीपल के चूर्ण के साथ मिलाकर सेवन करे। इस खुराक का सेवन करने से टीबी की बीमारी में लाभ होता है। टीबी के इलाज में आयुर्वेदिक चिकित्सा के अनुसार अश्वगंधा के फायदे ( Ahswagandha Ke Fayde in Hindi) बहुत उपयोगी है।
छाती चेस्ट के दर्द का इलाज अश्वगंधा Ashwagandha Uses Cure Chest Related Treatment In Hindi
सीने चेस्ट के दर्द में अश्वगंधा के पाउडर (Ashwagandha powder benefits) चूर्ण बहुत ही लाभकारी है। आपको अश्वगंधा की जड़ से बना चूर्ण का सेवन करना है। 2 ग्राम चूर्ण की मात्रा का सेवन जल के साथ करे इससे आपको सीने में दर्द की समस्या से निजात मिलेगी।
खासी के इलाज में अश्वगंधा उपयोगी Ashwagandha Cure Cough Treatment In Hindi
अश्वगंधा औषधि खासी के इलाज में बहुत प्रभावी है इसे आप दो प्रकार से सेवन कर सकते है जिससे आपको काफी लाभ होगा। अश्वगंधा की 10 ग्राम जड़ो को कूटकर चूर्ण बना लेवे और फिर 10 ग्राम मिश्री के साथ मिलाकर 400 मिलीग्राम पानी में मिलाकर उबाले। जब उबाले हुए काढ़े के पानी का आठवा हिंसा रह जावे तब इसे ठंडा कर थोड़ा थोड़ा पानी रोगी को पिलाये ऐसा करने से कफ के कारण जो खासी हुयी है उसमे काफी फायदा होता है और खासी ठीक हो जाती है। कुकुर खासी जिसमे खांसने पर बहुत आवाज आती है वो भी ठीक हो जाती है। इसके अलावा बोहड़े का 20 ग्राम चूर्ण के साथ 10 ग्राम कत्थे का चूर्ण और 5 ग्राम काली मिर्च और 250 ग्राम सेंधा नमक के साथ में अश्वगंधा के पत्तो का 40 मिलीग्राम का बना हुवा कड़ा। इन सब को मिलाकर आप 500 मिलीग्राम की गोलिया बना लेवे। और फिर इन गोलियों को चूसे ऐसा करने से खासी पूरी तरह से ठीक हो जाती है ये टीबी में होने वाली खासी के उपचार के लिए बहुत उपयुक्त होती है।
गर्भावस्था में अश्वगंधा लाभकारी Pregnancy me Ashwagandha Ke Fayde in Hindi
अश्वगंधा गर्भधारण करने और गर्भपात दोनों में ही सहायक होता है। अगर कोई महिला गर्भधारण करना चाह रही है तो उनके लिए अश्वगंधा काफी सहायक है। 20 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण पाउडर को 1 लीटर पानी और 250 मिलीग्राम गाय के दूध के साथ मिलाना है और फिर आपको इसे काम आंच पर पकाना है जब केवल इसमें केवल दूध ही बच जाये तब आपको इसमें 6 ग्राम मिश्री और 6 ग्राम गाय का घी मिलाना है और इसको आपको मासिक धर्म के तीन दिन बाद अगले तीन दिन तक थोड़ी थोड़ी मात्रा में सेवन करना है ऐसा करने से गर्भधारण करने में सहायक होता है।
इसके अलावा अश्वगंधा चूर्ण को गाय के घी में मिलाकर मासिक धर्म के स्नान के बाद हर दिन और पानी के साथ 4-6 ग्राम मात्रा में सेवन करे ऐसा आपको लगातार महीने तक करना है यह खुराक भी गर्भधारण करने में सहायक होती है
अश्वगंधा और सफ़ेद कटेरी की जड़ के 10-10 मिलीग्राम रस का सेवन लगातार पांच महीने तक करने से गर्भपात को रोका जा सकता है।
आयुर्वेदिक चिकत्सा साहित्य के अनुसार हमने आपको गर्भधारण और गर्भपात रोकने दोनों की खुराक बताई है। और आपको इस बारे में डॉक्टर और चिकित्सक की सलाह के अनुसार ही सेवन करना है।
अश्वगंधा चूर्ण पेट रोग में कारगर Ashwagandha Useful in Stomach Related Issues In Hindi
पेट संबधित रोगो के निवारण के लिए अश्वगंधा चूर्ण के बहुत फायदे (ashwagandha benefits in hindi) है और पेट की बीमारी में आप अश्वगंधा चूर्ण के साथ बोहेड़ा चूर्ण को बराबर एक सामान मात्रा में मिलाकर और साथ में 2-4 ग्राम मात्रा में गुड़ का सेवन करने से पेट के कीड़े मर जाते है और पेट के रोगो से निजात मिलती है और इसके अतिरिकत आप अश्वगंधा चूर्ण के साथ गिलोय का चूर्ण बराबर मात्रा में मिलाकर ५-१० ग्राम शहद के साथ भी सेवन कर सकते है ये भी काफी कारगर उपचार है पेट कीड़े को ख़त्म कर पेट सम्बन्धी रोगो से निजात दिलाता है |
अश्वगंधा चूर्ण (ashwagandha churna) से कब्ज का उपचार Ashwaganda Uses in Constipation in Hindi
आजकल के वर्तमान समय में कब्ज बहुत ही आम समस्या है ऐसे मे आप अश्वगंधा पाउडर चूर्ण को (ashwagandha churna ke fayde) 2 ग्राम मात्रा को गरम गुनगुने पानी में मिलाकर लेते है तो आपको कब्ज से रहत मिलेगी और आप चुस्त महसूस करेंगे ।
ल्युकेरिआ के इलाज में अश्वगंधा का उपयोग Ashwagandha Useful In Leucorrhea in Hindi
अश्वगंधा पाउडर के फायदेमंद गुणों के प्रभाव (ashwagandha powder benefits) से अश्वगंधा ल्यूकोरिया बीमारी के इलाज में भी कारगर है। 2-4 ग्राम असगंधा की जड़ के चूर्ण के साथ मिश्री मिला ले और फिर गाय के दूध के साथ सुबह और शाम दिन में दो बार सेवन करे। और इसके अतिरिक्त आप अश्वगंधा,उड़द,घी,तिल और गुड़ सभी को सामान मात्रा में मिलाकर उसके लड्डू बनाकर भी अगर रोगी को खिलाएंगे तो भी इसका ल्यूकोरिया के उपचार में फायदा होता है।
लिंग की कमजोरी दूर करे अश्वगंधा। Ashwagandha Powder is Helpful in Penis Related Issues in Hindi
अश्वगंधा लिंक की कमजोरी को दूर करने मद बहुत ही उपयोगी औषधि (ashwagandha ke fayde) है इसे अलग अलग विधि से अगर आप सेवन करेंगे तो यह बहुत ही कारगर है।
असवहगंधा पाउडर चूर्ण को कपडे में छानकर उतनी ही मात्रा में आपको शक्कर,खांड मिलाकर फिर एक चम्मच गाय के दूध के साथ रोज सुबह खाना खाने के ३ घंटे पहले लेवे।
दालचीनी ,कुठ और अश्वगंधा सभी को बराबर मात्रा में मिलाकर कूटना है और फिर इसे छान लेवे। छने हुवे चूर्ण को गाय के मक्खन में मिलाकर सुबह शाम लिंग के आगे के भाग छोड़कर बचे हुए भाग पर लगाए फिर थोड़ी देर बाद गरम गुनगुने पानी से धोकर साफ कर लेवे। ऐसा करने से लिंग की कमजोरी व शिथिलता दूर हो जाती है।
चमेली के तेल के साथ अश्वगंधी की जड़ का बारीक़ चूर्ण मिलाकर उसे घोटकर लिंग पर लगाए जिससे लिंग की कमजोरी दूर हो जाती है |
गठिया रोग में कारगर अश्वगंधा Ashwagandha is useful in Arthritis Treatment in Hindi
अश्वगंधा के तजा पत्तो और अश्वगंधा के पाउडर को अलग अलग विधि से सेवन करने से गठिया रोग का उपचार होता है। असगंध अश्वगंधा के 30 ग्राम ताज़ा पत्तो को 250 मिलीग्राम पानी में डालकर उबाले और फिर जब पानी आधा रह जाये तब इसे अच्छी तरह से छान लेवे और थोड़ी थोड़ी मात्रा में लगातार एक हफ्ते तक सेवन करना है इससे गठिया रोग और कफ रोग से वात दोनों में ही राहत मिलती है और अश्वगंधा का लैप भी गठिया रोग में बहुत उपयोगी है।
अश्वगंधा पाउडर चूर्ण को सुबह और शाम गर्म दूध या फिर पानी के साथ सेवन करना है इससे गठिया (ashwagandha ke fayde) रोग में काफी फायदा होता है।
त्वचा सम्भान्धि रोगो में उपयोगी अश्वगंधा Ashwagandha Cure Skin Related Issues in Hindi
त्वचा सम्बन्धी रोगो में अश्वगंधा (ashwagandha ke fayde) बहुत कारगर है। अश्वगधा के पत्तो से पेस्ट बना लेवे, या फिर पत्तो से काढ़ा बना लेवे। त्वचा पर जहा घाव है वह पेस्ट लैप लगाए या पत्तो के काढ़े से धोने से घाव पर लगने वाले कीड़े मर जाते है और घाव भर जाता है। मधुमेह बीमारी में घाव आसानी से ठीक नहीं होता है पर अश्गंधा उस पर भी कारगर है और अन्य घाव और सूजन के इलाज में भी बहुत कारगर है। अश्वगंधा की जड़ को पीस लेवे और फिर उसे गरम गुनगुना करे और उसे त्वचा पर लगाए जो की विसर्प रोग में लाभ देता है।
शारीरिक कमजोरी के इलाज में कारगर अश्वगंधा Ashwagandha Uses in Body Weakness In Hindi
अश्वगंधा का सेवन करने से शरीर रोग मुक्त और बलशाली बनता है साथ ही दुर्बलता और कमजोरी दूर होती है। निचे दी गयी विधि के अनुसार अगर आप अश्वगंधा का सेवन करेंगे तो आपको जरूर फयदा होगा | (ashwagandha ke fayde)
10-10 ग्राम अश्वगंधा का पाउडर चूर्ण के साथ तिल और घी लेवे और फिर इसमें ३ ग्राम शहद मिलाये और फिर ठण्ड, जाड़े के दिनों में रोजाना 1 से 2 ग्राम मात्रा में प्रतिदिन सेवन करे ऐसा करने से शरीर मजबूत बनता है ऊर्जा का संचार होता है।
अश्वगंधा चूर्ण 6 ग्राम और उतनी ही मात्रा में मिश्री और शहद मिलाये और फिर इसे 10 ग्राम गाय के घी के साथ मिलाकर रोजाना 2-4 ग्राम मात्रा में सुबह शाम ठण्ड,शीतकाल में 4 महीने तक सेवन करे जिससे आपके शरीर को पोषण मिलेगा और मजबूत बनेगा।
अश्वगंधा का 20 ग्राम चूर्ण और 40 ग्राम तिल और 160 ग्राम उड़द इन तीनो को मिलाकर पीस लेवे फिर आप इसके लड्डू या बड़े बनाकर सेवन कर सकते है इससे शरीर की दुर्बलता दूर हो जाती है।
अश्वगंधा चूर्ण पाउडर 1 ग्राम को 125 ग्राम मिश्री में मिलाये और फिर उसे गुनगुने दूध में मिलाकर सेवन करे इससे वीर्य की समस्या का निदान होता है और वीर्य मजबूत होता है और शारीरक बल बढ़ता है।
रक्त खुक के विकार में सहायक अश्वगंधा Ashwagandha Cure Blood Related Disorder In Hindi
अश्वगंधा पाउडर रक्त विकार की समस्या में बहुत उपयोगी इलाज है। अश्वगंधा पाउडर(Ashwagandha Powder Benefits In Hindi) के साथ बराबर मात्रा में चोपचीनी चूर्ण या चिरायता चूर्ण को मिलाये और फिर इसे सुबह और शाम 3-5 ग्राम सेवन करने इससे खून में होने वाली समस्याओ से रहत मिलती है |
बुखार में उपयोगी अश्वगंधा Ashwagandha Cure Fever in Hindi
अश्वगंधा चूर्ण, पाउडर (ashwagandha powder) का सेवन गिलोय सत के साथ करने से बुखार उतर जाता है। 1 ग्राम गिलोय सत के साथ 2 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण को मिलाकर हर दिन सुबह शाम गुनगुने गरम पानी या फिर शहद के साथ सेवन करने से पुराना बुखार ठीक हो जाता है।
अश्वगंधा के उपयोगी भाग हिस्से Ashwagandha Useful Parts in Hindi
अश्वगंधा पौधे में उपयोगी 4 भाग है इसमें बीज, पत्ते, जड़ और फल ये चारो औषधिया है। जो की बहुत से बीमारियों के इलाज में रामबाण है।
अश्वगंधा के सेवन करने की विधि। अश्वगंधा का कितना सेवन करना चाहिए Ashwagandha Dosage In Hindi
अश्वगंधा का सेवन कितना करता है ये आपके स्वास्थ समस्या पर निर्भर करता है। अश्वगंदा का सेवन फायदे के रूप में करने के लिए आपको डॉक्टर चिकिस्तक से परमर्श जरूर करना चाहिए। वैसे आयुर्वेदिक चिकित्सा के अनुसार, अश्वगंधा जड़ का चूर्ण पाउडर 2-4 ग्राम (ashwagandha powder price), और पत्तो का रस काढ़ा 10-30 मिलग्राम करना है।
अलग अलग स्वास्थ की समस्या के अनुसार हमने आपको इस लेख में सेवन करने की विधि और मात्रा की जानकारी आयुर्वेदिक चिकित्सा साहित्य के अनुसार दी है। लेकिन फिर भी आपको अपने चिकित्सक आयुर्वेदिक वेद जी के परामर्श कर सेवन करना चाहिए।
अश्वगंधा के नुकसान और साइड इफेक्ट्स Ashwagandha Side Effects in Hindi
वैसे तो अश्वगंधा (ashwagandha lehyam) पूरी तरह से एक आयुर्वेदिक औषधि है लेकिन जरुरत से अधिक मात्रा में सेवन करने से इसके दुष्परिणाम हो सकते है। अधिकतर गर्म प्रवति वाले व्यक्ति के लिए अश्वगंधा नुक्सानदेयक होता है। इसीलिए चिकित्सक का परामर्श काफी अहम् हो जाता है। इसके नुक्सान के प्रभाव को दूर करने के लिए गोंद, घी और कतीरा का सेवन किया जाता है | |
अश्वगंधा कहा पर पाया जाता है ? Where Available Ashwagandha in Hindi
भारत में अश्वगंधा की पैदावार सूखे प्रदेशो में होती है ये अपने आप उगते है और अभी सभी को पता है की ये कितनी प्रभावी आयुर्वेदिक औषधि है तो इसकी खेती भी होती है। ये वनो में पायी जाती है अरु अश्वगंधा के पौधे २५०० मीटर तक ऊचे होते है
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